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बच्चों और युवाओं में मनोरोग की समस्या को जानना क्यों इतना जरूरी है ?

बच्चों और युवाओं में मनोरोग की समस्या को जानना क्यों इतना जरूरी है ?

मनोरोग की समस्या को दिमाग की समस्या के साथ जोड़ा जा सकता है, वहीं दिमागी समस्या से युवाओं और बच्चों का बचाव हम किस तरह से कर सकते है, और इस तरह की समस्या के दिमाग में उत्पन्न होने से युवाओं में किस तरह की समस्या देखने को मिलती है, उनमे किस तरह के बदलाव नज़र आते है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ; 

क्या है मनोरोग की समस्या ?

जिस तरह हमारा शरीर बीमार पड़ सकता है, उसी तरह दिमाग भी हमारा रोगी हो सकता है । वहीं इस स्थिति को मनोरोग कहा जाता है। किसी व्यक्ति द्वारा अनुभव की जाने वाली कोई भी बीमारी जो उसकी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को इस तरह प्रभावित करती है कि वे उसकी सांस्कृति मान्यताओं तथा व्यक्तित्व से मेल न खाएं और उस व्यक्ति तथा उसके परिवार की जिंदगी पर नकारात्मक असर डालें, तो वह बीमारी मनोरोग कहलाती है।

क्या मनोरोग की समस्या चिंता का विषय है ?

  • बिलकुल है मनोरोग की समस्या चिंता का विषय, क्युकी मानसिक रूप से अस्त व्यस्त व्यक्ति क्या कर रहा है, उसको इस बात का अंदाजा ही नहीं होता जिस कारण उसको काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • मनोरोग की समस्या हम सभी को प्रभावित करती है। ऐसा अंदाजा है कि पांच व्यस्क व्यक्तियों में से एक अपने जीवन में किस समय मनोरोग के अनुभव से गुजरता जरूर है। इससे पता लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं कितनी आम बात है। इसलिए कोई भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हो सकता है।
  • मनोरोग की समस्या काफी चिंता का विषय है, क्योंकि वे सार्वजानिक स्वास्थ्य पर एक बड़ा बोझ है। विश्व के लगभग हर कोने में किए गए मनोरोग व्यक्ति की घर ओर बाहर के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन इस बात को दर्शाते हैं कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में खुद को दिखाने आने वाले वयस्कों में से 40 प्रतिशत किसी न किसी मनोरोग से पीड़ित है।
  • हालांकि आम मान्यता यह है कि मानसिक बीमारियां शारीरिक बीमारी के मुकाबले कम गंभीर होती है, पर हकीकत में वे गंभीर असमर्थता पैदा करती है। आत्महत्या या दुर्घटना के कारण उनसे मृत्यु भी हो सकती है। कुछ लोग किसी मानसिक रोग के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी पीड़ित होते है। ऐसे लोंगों में मानसिक रोग शारीरिक रोग को और बढ़ा सकते है। 

अगर आप मासिक रूप से बहुत ज्यादा परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको हल्द्वानी में मानसिक रोग विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

मनोरोग की किस्में क्या हो सकती है ?

  • ये शरीर के अंगों और शारीरिक क्रियाकलापों पर असर डालते है। इनमें विभिन्न तरह के दर्द, थकान तथा नींद संबंधी समस्याएं शामिल है। 
  • ऐसे व्यक्ति खुद को उदास और डरा हुआ महसूस करते है। 
  • आत्महत्या या दिमाग में गलत विचारों का आना। 
  • निराधार कल्पनाएँ करना किसी इंद्रिय द्वारा पैदा किये जाते है और इनमें ऐसी आवाजें सुनना, चीजें देखना शामिल है, जिन्हें और लोग सुन या देख नहीं सकते। 

मनोरोग की समस्या से कैसे रक्षा करें, युवाओं की !

  • इस रोग से युवाओं को बचाने के लिए जरूरी है की उनका खास ध्यान रखें, और उनमे किसी भी तरह के बदलाव नज़र आए तो जल्द डॉक्टर के संपर्क में उन्हें लेकर जाए। 
  • दिमागी तौर पर उनमे किसी भी तरह के आए बदलाव को नज़रअंदाज़ न करें। 
  • ऐसी अवस्था होने पर किसी भी तरह के दवाई को देने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
  • वहीं ये समस्या होने पर किशोर बच्चों का भी खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि उन्हें इस समस्या से जल्दी बचाया जा सकें।   

मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • अगर आप अपने बच्चे को मानसिक रूप से स्वास्थ्य रखना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपने बच्चे के दिमागी हालात को देख कर उसके इलाज के लिए किसी बेहतरीन  मानसिक हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए या आप मंथन वेलफेयर सोसाइटी एवं पुनर्वास अस्पताल का भी चयन कर सकते है, जिससे आपके बच्चे का दिमाग अच्छे से ठीक हो सकें और उसके दिमाग का विकास भी अच्छे से होने लगें।
  • वहीं इस हॉस्पिटल में मानसिक रूप से अस्त-व्यस्त व्यक्ति का इलाज काफी अच्छे से किया जाता है, अगर आपके दिमाग में किसी तरह की गहरी चोट लगी है, तो उसका इलाज भी काफी अच्छे से यहाँ के अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है। 

ध्यान रखें :

दिमागी समस्या को हल्के में लेने की भूल न करें वरना आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। दिमागी समस्या के कारण कई बार व्यक्ति के मौत के मामले भी सुनने को मिल जाते है, इसलिए दिमागी समस्या को लेकर कृपया सतर्क रहें। 

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