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चिंता के क्या है लक्षण, कारण, इलाज, परहेज व बचाव के तरीके !

चिंता के क्या है लक्षण, कारण, इलाज, परहेज व बचाव के तरीके !

चिंता को आज के समय में करना कोई बड़ी बात नहीं है, वहीं चिंता की समस्या बड़ो के साथ छोटो को भी अपने चंगुल में कसे जा रहीं है। इसके अलावा हम चिंता की समस्या से कैसे खुद का बचाव कर सकते है और साथ ही इसके लक्षण, कारण और इलाज के क्या तरीके है इसके बारे में भी आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

चिंता के क्या कारण है ?

  • एक व्यक्ति जिसके परिवार के सदस्य चिंता की समस्या से पीड़ित है, उनको जीवन में इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मतलब की पारिवारिक इतिहास। 
  • चिंता के अन्य कारण की बात करें, तो वह है काम में कठिनाइयाँ, पारिवारिक समस्याएं और रिश्ते के मुद्दे।
  • किसी व्यक्ति के शरीर से अवैध पदार्थ की निकासी से भी चिंता का विकास हो सकता है।
  • कुछ मामलों में व्यक्ति किसी चिकित्सीय स्थिति के कारण या किसी दवा के दुष्प्रभाव के कारण चिंता से ग्रस्त हो सकता है।
  • मस्तिष्क में विद्युत संकेतों का गलत संरेखण और कुछ हार्मोन का स्राव भी कुछ लोगों में चिंता का कारण हो सकता है।

चिंता के कारणों से यदि आप या आपके करीबी जूझ रहे है, तो इससे बचाव के लिए आपको उत्तराखण्ड में बेस्ट साइकेट्रिस्ट का चयन करना चाहिए।

क्या है चिंता ?

  • चिंता में रहने वाला व्यक्ति हमेशा अपने भूतकाल और अपने भविष्य काल को लेकर चिंता में रहता है। 
  • चिंता के कारण व्यक्ति को तेज दिल की धड़कन और घबराहट महसूस हो सकती है, तेज सांस, पसीना, जलन और थकान भी हो सकती है। 
  • यदि यह बहुत बार होता है तो इसे सामान्य भावनात्मक प्रतिक्रिया माना जाता है, लेकिन यदि व्यक्ति चिंता के अनुपातहीन स्तर को महसूस करना शुरू कर देता है तो इसे चिकित्सा विकार माना जा सकता है। 
  • वहीं चिंता को एक मानसिक स्वास्थ्य की श्रेणी में गिना जाता है। 

यदि ज्यादा चिंता की वजह से आप पागलपन वाली हरकते करने लग जाते है, तो इसके लिए आपको पंजाब में मानसिक रोग विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

स्वस्थ आहार का सेवन करें ।

  • व्यक्ति को शराब, भांग और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
  • सभी व्यक्तियों को एक नियमित नींद को लेना चाहिए।
  • कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से इसकी जांच जरूर कर लेनी चाहिए।
  • एक व्यक्ति को कैफीन, कोला और चाय का सेवन कम करना चाहिए।

चिंता के शुरुआती लक्षण क्या है ?

  • एक व्यक्ति को कई बार ऐसे महसूस होता है जैसे की वो मौत के बिलकुल किनारे पर खड़ा हो। 
  • चिंतित व्यक्ति आसानी से चिढ़ सकता है।
  • चिंतित व्यक्ति के लिए ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
  • एक व्यक्ति चिंता की अनियंत्रित भावना का अनुभव कर सकता है।
  • एक व्यक्ति को सामान्य अवधि के लिए सोने या सोए रहने में कठिनाई हो सकती है।

चिंता से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • तनाव को ज्यादा न लें। 
  • खाना अच्छे से खाए, और रोजाना की दिनचर्या में अच्छे फल और सब्जियों को शामिल करें। 
  • अस्वास्थ्य प्रदार्थ या नशीली वस्तुओं के सेवन से बचें।  

चिंता में किन चीजों का परहेज करें !

  • कॉफी का सेवन करने से बचें क्युकी ये आपके शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा को बढ़ाता है जिससे आप बहुत ज्यादा चिंता लेने लग जाते है। 
  • चाय के सेवन से भी बचें। 
  • आपको ज्यादा चिंता होने पर ज्यादा मीठी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। 
  • नशीली चीजों से भी दुरी बनाए।

चिंता का इलाज क्या है ?

  • चिंता के इलाज में व्यक्ति को मानसिक चिकित्सक के पास जाना चाहिए। 
  • डॉक्टर चिंतित मरीज़ का इलाज दवा, मनोचिकित्सा या काउंसलिंग और संज्ञानात्मक थेरेपी की मदद से करते है ताकि मरीज़ का इलाज अच्छे से हो सकें।     

इसके अलावा आप चाहें तो मरीज का इलाज मंथन वेलफेयर सोसाइटी एवं पुनर्वास अस्पताल से भी करवा सकते है।

सुझाव :

चिंता आज के समय में लेना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन हद्द से ज्यादा चिंता में रहने वाले व्यक्ति को काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 

सारांश :

चिंता में रहने वाला व्यक्ति न तो कभी खुद खुश रहता है और न ही उसके साथ जुड़े हुए लोग, इसलिए जरूरी है की अगर व्यक्ति ज्यादा चिंता लें रहा है तो उसे डॉक्टर के सम्पर्क में आना चाहिए।

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