GST NO.: 05AAGTM6470L1Z6

ORG. Unique id:- UA/2020/0268450

Reg No.
UK06608122019002920
Send us a Message
info@manthanwelfaresociety.in

ओसीडी यानी अनियंत्रित जुनूनी विकार क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और कैसे किया जाता है इलाज 

ओसीडी यानी अनियंत्रित जुनूनी विकार एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार अवांछित विचार (जुनून) और व्यवहार (मजबूरी) उत्पन्न होते हैं। यह विकार पीड़ित व्यक्ति के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करता है और उसे बार-बार एक ही काम को करने या खास तरह के विचारों को नियंत्रित करने की मजबूरी महसूस होती है। ओसीडी के कई प्रकार होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसके चार सामान्य प्रकार होते हैं: जांच करना, संदूषण, समरूपता, और दखल देने वाले विचार।

ओसीडी (Obsessive-Compulsive Disorder): अनियंत्रित जुनूनी विकार

ओसीडी यानी अनियंत्रित जुनूनी विकार एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार अवांछित विचार (जुनून) और व्यवहार (मजबूरी) उत्पन्न होते हैं। यह विकार पीड़ित व्यक्ति के दैनिक जीवन में हस्तक्षेप करता है और उसे बार-बार एक ही काम को करने या खास तरह के विचारों को नियंत्रित करने की मजबूरी महसूस होती है। ओसीडी के कई प्रकार होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसके चार सामान्य प्रकार होते हैं: जांच करना, संदूषण, समरूपता, और दखल देने वाले विचार।

ओसीडी क्या होता है?
ओसीडी एक मानसिक विकार है, जो व्यक्ति में बार-बार किसी काम को करने की आवश्यकता का एहसास कराता है। इसमें व्यक्ति को बार-बार किसी चीज को जांचने, साफ करने या कुछ विशेष कार्यों को करने का दबाव महसूस होता है। उदाहरण के लिए, व्यक्ति को बार-बार हाथ धोने, दरवाजे बंद होने के बाद भी उन्हें चेक करने या किसी विशेष पैटर्न में चीजों को सेट करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। ओसीडी का व्यक्ति को पता होता है कि यह स्थिति अनावश्यक है, लेकिन फिर भी वह इसे नियंत्रित करने में असमर्थ होता है।

ओसीडी के मुख्य लक्षण
ओसीडी के लक्षण आम तौर पर दो श्रेणियों में आते हैं: जुनून और मजबूरी।

जुनून से जुड़े लक्षण:

जब किसी वस्तु का स्थान किसी विशेष स्थान पर नहीं होता, तो तनाव महसूस होना।
किसी चीज़ को छूने से दूषित होने का डर, जैसे दूसरों द्वारा छुए गए सतहों को छूना।
सिर में अप्रिय विचारों का बार-बार आना।
चूल्हे या दरवाजे को बंद करने के बाद भी बार-बार संदेह करना।
समाज में हाथ मिलाने जैसी चीज़ों से बचना, जो जुनून उत्पन्न कर सकती है।
मजबूरी से जुड़े लक्षण:

दरवाजे और खिड़कियों को कई बार जांचना कि वे ठीक से बंद हैं या नहीं।
हाथों को बार-बार धोना, ताकि उनकी त्वचा तक न खराब हो जाए।
किसी विशेष पैटर्न में गिनती करना।
किसी वस्तु को एक निश्चित तरीके से व्यवस्थित करना।
किसी शब्द, वाक्य या प्रार्थना को बार-बार दोहराना।
यदि आप या आपके आसपास कोई इस स्थिति का सामना कर रहा है, तो चिकित्सा सहायता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। मंथन वेलफेयर सोसाइटी एवं पुनर्वास अस्पताल इस विकार के इलाज के लिए एक विश्वसनीय स्थान है, जहां आप उचित निदान और उपचार प्राप्त कर सकते हैं।

ओसीडी के कारण
ओसीडी के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारण इसे बढ़ावा दे सकते हैं:

अनुवांशिक कारण – परिवार में ओसीडी होने से यह आनुवांशिक रूप से प्रभावित हो सकता है।
मस्तिष्क में असामानताएँ – मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में असामान्य कार्य ओसीडी को बढ़ावा दे सकते हैं।
मस्तिष्क में सेरोटोनिन की कमी – यह रसायन मस्तिष्क के सही कार्य के लिए आवश्यक होता है।
परिस्थितियाँ और तनाव – अत्यधिक तनाव या किसी दुखद घटना के कारण ओसीडी के लक्षण विकसित हो सकते हैं।
शारीरिक या मानसिक शोषण का इतिहास – ऐसे अनुभव ओसीडी को उत्पन्न कर सकते हैं।
ओसीडी का इलाज
ओसीडी का इलाज दवा और थेरेपी के संयोजन से किया जा सकता है:

दवा – ओसीडी का इलाज अवसादरोधी, मनोविकार रोधी, और सेरोटोनिन को लक्षित करने वाली दवाओं से किया जाता है। यह दवाएँ आम तौर पर दो से तीन महीने तक दी जाती हैं।
थेरेपी – कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) ओसीडी के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस थेरेपी में व्यक्ति को उन परिस्थितियों से अवगत कराया जाता है, जो जुनून और मजबूरी उत्पन्न करती हैं। व्यक्ति को इन स्थितियों के प्रति सहनशीलता विकसित करने और अपने व्यवहार पर नियंत्रण पाने के लिए भी सिखाया जाता है।
निष्कर्ष
ओसीडी एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसका समय पर इलाज होना जरूरी है। यदि आप या आपके किसी करीबी को इस विकार का सामना करना पड़ रहा है, तो शीघ्र चिकित्सा सहायता लें। डॉ. H.S. Bisht, हल्द्वानी के सबसे अच्छे सायकोलॉजिस्ट में से एक हैं, जो ओसीडी जैसे विकार के इलाज में मदद कर सकते हैं। आप मंथन वेलफेयर सोसाइटी एवं पुनर्वास अस्पताल की वेबसाइट पर जाकर अपनी नियुक्ति बुक कर सकते हैं या दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

ओसीडी से मुक्ति पाने का पहला कदम है उचित इलाज और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना, ताकि यह विकार आपके दैनिक जीवन में अधिक प्रभाव न डाल सके

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *